तलब करें तो ये आँखें भी इन को दे दूँ मैं मगर ये लोग इन आँखों के ख़्वाब माँगते हैं ~ अब्बास रिज़वी @sayarilover
जब भी मिलती है मुझे अजनबी लगती क्यूँ है...
ज़िंदगी रोज़ नये रंग बदलती क्यूँ है...
तुम से बिछड़े हैं तो अब किस से मिलाती है हमें...
ज़िंदगी देखिये क्या रंग दिखाती है हमें...
✍ Unknown
@sayarilover
समझने वाले तो ख़ामोशी भी समझ लेते हैं....
न समझने वाले जज़्बातों का भी मज़ाक़ बना देते हैं..
✍️ Unknown
@sayarilover
रुई का गद्दा बेच कर
मैंने इक दरी खरीद ली,
ख्वाहिशों को कुछ कम किया मैंने
और ख़ुशी खरीद ली ।
सबने ख़रीदा सोना
मैने इक सुई खरीद ली,
सपनो को बुनने जितनी
डोरी ख़रीद ली ।
मेरी एक खवाहिश मुझसे
मेरे दोस्त ने खरीद ली,
फिर उसकी हंसी से मैंने
अपनी कुछ और ख़ुशी खरीद ली ।
इस ज़माने से सौदा कर
एक ज़िन्दगी खरीद ली,
दिनों को बेचा और
शामें खरीद ली ।
शौक-ए-ज़िन्दगी कमतर से
और कुछ कम किये,
फ़िर सस्ते में ही
"सुकून-ए-ज़िंदगी" खरीद ली ।
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
छोड़ दिया सबसे बात करना ..!
अब खामोश ही अच्छा लगता है...!!
दिल की भी बातें अब नही कही जाती लोगो से...!
मुझे तो अब खामोशी से भी डर लगता है..!!
~UnKnOwN
@sayarilover
एक अजब सी बेकरारी लिए बैठा हूँ.....
दिल को भीड़ में तन्हा किये बैठा हूँ...
मैं हस्ते हुए चेहरे पर आँखो में आन्सु छिपाये बैठा हूँ....
किसी के लिए दिल में नफ़रत कि आग जलाए बैठा हूँ..
अरे मैं दिल लगा कर तन्हा बैठा हूँ....
अभी इत्नी उमर भी नहीं हुई मैं सबक लिए बैठा हूँ....
कभी प्यार में कभी दोस्ती में मैं हर जगह विश्वास ग्वाए बैठा हूँ....
गलती पर गलती ओर फ़िर गलती किए बैठा हूँ....
मैं हर जगह से हार हुआ बैठा हूँ....
अब बस अच्छे समय का इंतजार करते करते थक गया हूं.....
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
हो गए हो न परेशां
में अपनी तन्हाई में शादमाँ हूं
जा यार फिर से तुझे इजाजत है
मुझे छोड़ जाने की, आंखे नम करने की
और सुन जाए तो दुबारा लौट के ना आना
मेरी आंखों में खामोशी और दिल में दर्द बोहोत हैं
तेरा जा के वापस आना और फिर चले जाना अब बर्दास्त नही कर पाऊंगी!!✦
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
टूटकर रोए हैं
तब जाकर सोए हैं...
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
कुछ कहना है तुमसे ,
ऐसे ही साथ निभाओगे क्या
जब मन होगा आओगे जब मन होगा
तो चले जाओगे क्या😢
चलो जाओ मुबारक है तुम्हे ही
तुम्हारा आना जाना
जिंदगी भर
ऐसे ही सताओगे क्या😭
मैं जब थी परेशान आखों से अश्क मेरे बहे जा रहे थे
वही थे दोस्त मेरे जो साथ मेरा निभा रहे थे
कहते हो छोड़ दू उनको अकेला
तुम्हे पाने के लिए
मेरे साथ ऐसे ही जिंदगी बिताओगे क्या😥
मुबारक हो तुम्हारा साथ तुम्ही को
मुबारक हो ऐसा प्यार तुम्ही को
तुम्हारी याद में बहाए जो आसूं रातों को
कुछ उलझनों को अनकही बातों को
कभी समझ पाओगे क्या 😞
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
{{सब कुछ खरीदूँगा}}
आज की इस मतलबी दुनिया में दोस्ती प्यार कामयाबी
सब बिकती हैं सब खरीदूँगा...
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
❣तुम्हें किसी और की तकदीर में कैसे जाने दूं,
मेरा वश चले तो, तुम्हें किसी के सपनों में भी ना आने दूं!!❣
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
तेरी आंखों में ख्वाब हम सजा सकते हैं
तुझे दिलो जान से हम अपना बना सकते हैं।
जो बातें मैंने खुद से भी ना कहीं कभी
वो सारी बातें तुझे बता सकते हैं।
यूं तो आवारा सा दिल है भटकता रहता है
तू जो बोले तो दिल तुझसे लगा सकते हैं।
तुम मेरे नाम पर हूं शरमाया मत करो
अपने नाम की मेहंदी तेरे हाथों में रचा सकते हैं।
तु जो मरहम बन कर आने का वादा करे
हम तुझे दिल के सारे जख्म दिखा सकते हैं।
वादा कर तू जमाने की तरह हंसेगा नहीं मुझ पे
हम अपने सारे अरमां के किस्से सुना सकते हैं।
खलनायक को आंखों में बसाने की चाहत दिखा
फिर हम तुझे अपने दिल की चाहत दिखा सकते हैं।
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
यूं ना छोड़ ज़िंदगी की किताब को खुला, बेवक्त की हवा ना जाने कौन सा पन्ना पलट दें।
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
बारिशे हो ही जाती है मेरे शहर में,
कभी बादलो से तो कभी आँखों से.
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
मेरा वक्त हो, तेरे साथ हो,
दिन रात हो,
अब इश्क़ महज़ ना ख़्वाब हो,
तू पास हो, हर सांस हो,
दिन रात हो,
अब इश्क़ महज़ ना अहसास हो,
मेरा वक्त हो, तेरे साथ हो,
दिन रात हो,
✍️✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
मेरे ख्वाबों में आना आपका कसूर था…!
आपसे दिल लगाना हमारा कसूर था…!!
आप आए थे जिन्दगी में पल दो पल के लिए…!
आपको जिन्दगी समझ लेना हमारा कसूर था…
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
❣दिल भी बुझा हो शाम की परछाईयाँ भी हों
मर जाइये जो ऐसे में तनहाईयाँ भी हों ।।
आँखों की सुर्ख़ लहर है मौजे-सुपुर्दगी,
ये क्या ज़रूरी है कि अब अँगडा़ईयाँ भी हों
हर हुस्ने-सादा-लौह न दिल में उतर सका,
कुछ तो मिजा़जे-यार में गहराईयाँ भी हों ।।
पहले-पहल का इश्क अभी याद है
दिल ख़ुद ये चाहता था कि रुसवाईयाँ भी हों
✍️Unknown
@sayarilover
सरहद पे गोली खाके
जब टूट जाए मेरी सांस
मुझे भेज देना यारों मेरी
बूढ़ी मां के पास।
बड़ा शौक था उसे मैं घोड़ी चढूं
धमाधम ढोल बजे,
तो ऐसा ही करना
मुझे घोड़ी पे लेके जाना
ढोलकें बजाना
पूरे गांव में घुमाना
और मां से कहना
बेटा दूल्हा बनकर आया है,
बहू नहीं ला पाया तो क्या
बारात तो लाया है।
मेरे बाबूजी, पुराने फ़ौजी, बड़े मनमौजी
कहते थे- बच्चे, तिरंगा लहरा के आना
या तिरंगे में लिपट के आना
कह देना उनसे, उनकी बात रख ली
दुश्मन को पीठ नहीं दिखाई
आख़िरी गोली भी सीने पे खाई।
मेरा छोटा भाई, उससे कहना
क्या मेरा वादा निभाएगा,
मैं सरहदों से बोल कर आया था
कि एक बेटा जाएगा तो दूसरा आएगा।
मेरी छोटी बहना, उससे कहना
मुझे याद था उसका तोहफ़ा
लेकिन अजीब इत्तेफ़ाक़ हो गया
भाई राखी से पहले ही राख हो गया।
वो कुएं के सामने वाला घर,
दो घड़ी के लिए वहां ज़रूर ठहरना
वहीं तो रहती है वो
जिसके साथ जीने मरने का वादा किया था
उससे कहना - भारत मां का साथ
निभाने में उसका साथ छूट गया।
एक वादे के लिए दूसरा वादा टूट गया।
बस एक आख़िरी गुज़ारिश
आख़िरी ख़्वाहिश
मेरी मौत का मातम न करना
मैने ख़ुद ये शहादत चाही है,
मैं जीता हूं मरने के लिए
मेरा नाम सिपाही है।
✍️ By Unknown
@sayarilover
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Perfume के जमाने में ईत्र से महकाने वाली का इन्तजार है...
बादशाह के जमाने में गुलज़ार सुन नें वाली का इन्तजार है
REEL के जमाने में FEELदेने वाली का
इन्तजार है
मुझे तो बस...
इस सख्त लौंडे को पिघलाने वाली का
इन्तजार है...
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
माना के रोशनी धुंधली है, सूरज पर ढलना बाकी है ।
जो कल था वो आज नहीं, जो आज है कल ना होगा ।
बदलाव से विचलित मत होना, अभी बदलना बाकी है ।
मन मेरे मायूस ना हो अभी तो चलना बाकी है।
यदि गिरे कभी तो उठ जाना , इतनी भी बड़ी ये बात नहीं ।
कोई छोड़ गया तो जाने दे , क्या हुआ जो उसका साथ नहीं।
गिर के तो संभलना सीख लिया, अभी टूट के जुड़ना बाकी है।
मन मेरे मायूस ना हो .........
दो कदम चले और सुस्ताना,
था फ़क्र कभी जिस निर्णय पे अब छोड़ दे उस पर पछताना।
मंज़िल तक ले जाये जो , उस मोड़ पे मुड़ना बाकी है।
मन मेरे मायूस ना हो, अभी तो चलना बाकी है।
माना के रोशनी धुंधली है, सूरज पर ढलना बाकी है।
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
हाल दिल का उसे सुनाते हुए
रो पड़ा था मैं मुसकुराते हुए
आसमां तक चला गया था मैं
एक दिन रास्ता बनाते हुए
भीगती जा रही थी इक लड़की
बारिशों में नशा मिलाते हुए
आग मेरी थी न धुआँ मेरा
मैं जला था उसे बचाते हुए
देर तक जब उदास रहलो तो
अच्छा लगता है मुसकुराते हुए
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
अब कहां कोई बड़े जख्म पर भी आह निकलती है
अब तो दिल में दर्द होता है तो दिल से वाह निकलती है
शायद उनके मुशायरे में बैठने का असर हुआ है ये एक दिन हम निकले उनकी गली से
तब लोगों ने कहा हट जाओ यहां से बेवफा निकलती हैं
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
मैं भी परिंदों की तरह कहीं आशियाना
बना लूंगा
उसे देखूंगा रोज और अपना आईना
बना लूंगा
फकीरों के घर में, क्या अच्छा मिलेगा तुम्हें
लेकिन अगर बता कर आओगे तो कुछ अच्छा
बना लूंगा
मुझे जलाना आता नहीं, और उसे चूल्हे का
खाना पसंद है
कोई बना दो यार नहीं तो मैं अपना हाथ
जला लूंगा
और तेरे दिल में कई लोग रहते हैं, तो क्या
हुआ यार
मैं भी तुझे अपने दिल का मेहमान
बना लूंगा
तू कहती है, मेरे जैसा इस जहां में दूसरा
नहीं कोई
मैं कलम से उतारकर डायरी में अपनी हुबहू तेरे
जैसा एक और बना लूंगा
तुमसे पहले ही एक बाद शाह ने, मेरी झोली में
ताज डाल दिया
बताओ यार अब तुमसे भला मैं
क्या लूंगा
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
मैं अपना चेहरा आंसुओं से रोज धोता हूं
रातों की तलाश में दिन को रोज खोता हूं
और तुम मेरे प्यार में मत रोया करो यार
क्योंकि मैं तुम्हारे बदले मैं भी रोज रोता हूं
तुम्हारी करवटें बदल बदल कर रात गुजरती है ना
सुनो तुमसे बिछड़ कर मैं भी नहीं सोता हूं
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
{{कटती रातें...}}
करवटें बदल बदल के परेशान होता हूँ
यादों से तो कभी आने वाले कल पे रोता हूँ
पता नहीं क्यों ? यह रात हमदर्द बनती हैं मेरे
जो दिल मे हैं सच और झूठ जानती हैं मेरे
रात भर जग के भी मेरे उलझने सुलझती नहीं
और यह आदत मेरे जो कभी बदलती नहीं
सोने वाले को आराम तो , रोने वाले को सहारा देता हैं
तकिया भी कमाल का होता हैं
वही यादें वही ज़ख्म वही सवाल और कुछ जवाब जो कभी नहीं मिलते
मैं हर रात उनपर फ़ैसला लेता हूँ
मैं हर ज़ख्म पे मरहम लगाता हूँ पर वो ज़ख्म कभी नहीं सिलते
किससे कहूँ और किससे पूछूं आईना तो बस मुस्कराता हैं
और यह कैसा मुस्कुराना जो मुझे रुलाता हैं
थक हार के नींद के इन्तज़ार में सुबह की आहट हों जाती हैं और जगती रात आखिर ख़तम हों जाती हैं...
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
इस दिल का कहा मानो एक काम कर दो,
एक बनाम सी मोहब्बत मेरे नाम कर दो,
मेरी ज़ात पर फ़क़त इतना एहसान कर दो,
किसी दिन सुबह को मिलो और शाम कर
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
बहुत की हमने उसे रोकने की कोशिश पर वह रुका ही नहीं
बहुत की हमने इसे मानने की कोशिशें पर वह माना ही नहीं
जाना था उसको बहुत पहले से ही, इससे पहले उसे बहाना मिला ही नहीं
दिल चीखता और चिल्लता रहा उसके लिए , पर उसने दिल ए पुकार सुना ही नहीं
गलती रही कहीं न कहीं हमारी , पर उसकी भी खता थी उसने कभी माना ही नहीं
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
किसी मंदिर में रखी हो पहले से कोई मूरत
वहां किसी और भगवान को नहीं रख सकते है
किसी दिल में बसी हो पहले से कोई सूरत
वहां किसी और दिल को जगह नहीं दे सकते है
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
दीवाना हूँ तेरा , मुझे इंकार नहीं ,
कैसे कह दूँ की मुझे तुमसे प्यार नहीं ,
कुछ शरारत तो तेरी नज़रो में भी थी ,
मैं अकेला ही तो इसका गुनेहगार नहीं …
✍️✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
जिनको पहना दी गई हो, पगड़ीओं के नाम पर...
उनसे जाकर पूछ लो...चूड़ियां कितनी भारी है...!
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover
गजब की दीवानगी है तुम्हारी मोहब्बत में…!!
तुम हमारे नहीं फिर भी हम तुम्हारे हो गए
✍🏻~अज्ञात
@sayarilover