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Question:
The 42nd Amendment Act, 1976, added which new category of duties for Indian citizens?
(a) 👍🏻 Civic Duties
(b) 🙏🏻 Social Duties
(c) ✅ Fundamental Duties
(d) ❤️ Economic Duties
Answer with emojis:
Question:
In the 42nd Amendment Act, 1976, which term was added to the Preamble of the Indian Constitution?
(a) 👍🏻 Socialist
(b) 🙏🏻 Secular
(c) ✅ Both Socialist and Secular
(d) ❤️ Federal
Answer with emojis:
भारतीय संविधान का 42वां संशोधन 1976 में आपातकाल के दौरान लागू किया गया था। यह एक व्यापक संशोधन था जिसने संविधान के विभिन्न हिस्सों में कई परिवर्तन किए। 42वें संशोधन द्वारा लाए गए कुछ मुख्य प्रावधान और परिवर्तन निम्नलिखित थे:
1. प्रस्तावना: "समाजवादी" और "धर्मनिरपेक्ष" शब्द प्रस्तावना में जोड़े गए, जिससे सामाजिकवादी और धार्मिकहीन सरकार के प्रति प्रतिबद्धता को प्रमोट किया गया।
2. मौलिक कर्तव्य: नए अध्याय, अनुच्छेद 51A, जिसमें नागरिकों के प्रति कर्तव्यों की विवरण दिया गया था, जिसमें उन्हें देश के प्रति कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्ध करने का सुझाव किया गया।
3. राजकीय नीतियों के सिद्धांत: इसमें घोषित किया गया कि राजकीय नीतियाँ देश के शासन के लिए मौलिक हैं और यह नीतिएँ राज्य को कानून बनाने में मार्गदर्शन करनी चाहिए।
4. आपातकालीन प्रावधान: अपातकाल लागू करने की अधिकारीयों की शक्ति बढ़ाई गई थी, और "आंतरिक अशांति" को आपातकाल लागू करने का कारण जोड़ दिया गया था।
5. न्यायिक समीक्षा: संविधान संशोधन की न्यायिक समीक्षा की शक्ति को सीमित किया गया था, कहा गया था कि किसी भी अधिविधि को किसी भी कारण पर कोई सवाल नहीं किया जा सकता है।
6. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चयन: राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चयन का तरीका बदल दिया गया और चयन में किसी भी निर्वाचन संबंधी रिक्त स्थान के कारण यह चुनौती नहीं की जा सकती थी।
7. राज्य संसदें: राज्य संसदों की कुछ मामलों पर विधायिका बनाने की शक्ति को कम किया गया और इससे संसद को अधिक अधिकार मिला।
42वें संशोधन की आलोचना की गई थी क्योंकि इसने न्यायप्रणाली की स्वतंत्रता को कमजोर कर दिया और क्रियाशीलता के हाथों में शक्ति को एकत्र कर दिया। बाद में कुछ इसके प्रावधानों को बदल या रद्द कर दिया गया।
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Q Which of the following are a part of the 5 themes of Earthshot prize ?
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3) Fix our climate
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Select the correct code using the options given below
A) 1, 2 and 4
B) 1, 3 and 5
C) 2, 3, 4 and 5
D) 1, 3 and 4
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26 नवंबर अर्थात संविधान दिवस
26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाया गया, इसी कारण से 26 नवंबर को प्रतिवर्ष देश भर में "संविधान दिवस" मनाया जाता है।
शैक्षिक जगत में यद्धपि कक्षा 6 से ही भारतीय संविधान को पढ़ाने की शुरुआत होती है लेकिन शिक्षित होकर भी शिक्षित व्यक्ति संविधान के बारे में ऐसे चर्चा कभी नही करते जैसे कि अनेकानेक धर्मग्रंथों की वह चर्चा करते रहते हैं और जो व्यक्ति अशिक्षित है, मजदूरी व कृषि संबंधी कार्यों से जुड़कर अपनी जीविका चलाते है वह इतना तो जानते है कि हमारा देश संविधान से चलता है, काश उन्हें यह जानकारी हो जाए कि संविधान में उनकी रोजी रोटी ,शिक्षा,स्वास्थ्य, रोजगार,न्याय,और राज काज में भागीदारी आदि के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं ।
परंतु प्रावधानों के अनुरूप उन्हें कितना मिल पा रहा है और यदि नही मिल पा रहा है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है ? इन सभी सवालों पर चर्चा करने के लिए 26 नवंबर का दिन बहुत महत्व पूर्ण है।
26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू होने के साथ ही भारत में नए सिरे से नए युग की शुरुआत हुई थी,जिसमे देश के सभी नागरिकों को विशेषकर देश के उन बहुसंख्यकों के भी एक साथ हजारों मानवीय अधिकार बहाल हुए थे जो लंबे समय तक अपने ही देश में वर्ण और जाति की कुप्रथा के चलन के कारण मानवीय जीवन नही जी पा रहे थे ।हमारे संविधान की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना से होती है और प्रस्तावना की शुरुआत "हम भारत के लोग" से होती है, जिसका आशय है, यह संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया, स्वीकारा, और भारतीयों पर ही लागू किया गया है।
"भारत को सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न" का आशय यह है कि अब हम अपने आंतरिक व विदेशी मामलों में बिना किसी बाह्य दवाब के निर्णय लेने में स्वतंत्र होंगे,
"समाजवादी" दृष्टिकोण से यही आशय है कि सार्वजनिक क्षेत्रों (public Sector) को बढ़ाने के लिए वरीयता दी जायेगी, आय की दृष्टि से लोगो के जीवन स्तर के अंतर को कम किया जायेगा, संपत्ति के केंद्रीकरण अर्थात पूंजीपतियों को ही बढ़ावा न मिले इस बात का ध्यान रखा जायेगा,मजदूरों के कल्याण एवम गरीबी निवारण की योजनाएं लागू की जायेंगी,
पंथनिरपेक्षता, अर्थात देश के प्रतिएक नागरिक को उसके धार्मिक स्वतंत्रता के बावजूद देश का अपना कोई राष्ट्रीय धर्म नही होगा, सभी धर्मो का सम्मान किया जायेगा धर्म के नाम पर किसी के साथ कोई भेदभाव नही किया जायेगा,
"लोकतांत्रिक गणराज्य" अर्थात संविधान द्वारा संसदीय लोकतंत्र को अपनाया गया है जिसका मतलब केवल राजनीतिक लोकतंत्र से ही नहीं है बल्कि उसके मूल मे सामाजिक व आर्थिक लोकतंत्र हो अर्थात एक ऐसी जीवन शैली जो समानता, स्वतंत्रता, व बंधुत्व को जीवन का मूल सिद्धांत मानती हो समाज में क्रमिक ऊंच नीच और आर्थिक दृष्टि से एक ओर कुछ लोगो के पास बेहिसाब संपत्ति तो दूसरी ओर भुखमरी को भी नकारा नहीं जा सकता है । जहां तक संविधान में "सामाजिक,आर्थिक और राजनीतिक न्याय"की बात है तो इसका आशय सभी के साथ समान व्यवहार से है अर्थात किसी के साथ किसी भी दशा में कोई पक्ष पात न हो,
"26जनवरी 1950 से हम एक अंतर्विरोध पूर्ण जीवन में प्रवेश करने जा रहे हैं,राजनीति में हमारे पास समानता अर्थात एक व्यक्ति,एक वोट, एक मूल्य, होगा, परंतु सामाजिक और आर्थिक जीवन में हम असमानता से ग्रस्त होंगे" ,विचार अभिव्यक्ति विश्वास धर्म और उपासना की स्वतंत्रता पर कोई किसी तरह की पाबंदी नहीं रहेगी और ऐसा होने पर न्यायालय इसका संरक्षण प्रदान करने के उपाय करेगा।
प्रतिष्ठा और अवसर की समता का उल्लेख करने का स्पष्टत यही आशय है कि समाज मे किसी भी वर्ग के लिये बिना किसी भेदभाव के समान अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे, क्योंकि संविधान लागू होने से पहले लिंग, वंश, जाति, धर्म के आधार पर न केवल भेदभाव किया जाता था बल्कि अवसर ही प्रदान नही किए जाते थे, इस खामियाजे की भरपाई के लिए जिन वर्गो के साथ यह भेदभाव किया गया था अब आरक्षण के रूप में सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान किया गया है।देश के समस्त नागरिकों में बंधुत्व भाव विकसित हो इसके लिए संविधान में एकल नागरिकता और नागरिकों के कर्तव्यों का भी उल्लेख किया गया है ताकि देश में स्वस्थ मानवता वादी व वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा मिल सके ।लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता ही सर्वोपरि और सब कुछ होती है जनता ही जनता के हितों की रक्षा करने के लिए जनता में से ही अपने प्रतिनिधियों को जनता के हित में कार्य करने के लिए संसद व विधान सभाओं में चुनकर भेजती है।
42वें संशोधन अधिनियम, 1976 में पारित किया गया और 44वें संशोधन बिल, 1978 में प्रस्तुत किया गया, भारतीय संविधानिक इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाएं हैं। संक्षेप में तुलना:
### 42वें संशोधन अधिनियम (1976):
1. पृष्ठभूमि:
- आपातकाल की अवधि के दौरान पारित किया गया। (1975-1977)
- इंदिरा गांधी द्वारा प्रस्तुत किया गया।
2. मुख्य परिवर्तन:
- प्रस्तावना में "समाजवादी" और "धर्मनिरपेक्ष" शब्दों को जोड़ा गया।
- राष्ट्रपति के आपातकाल घोषणा करने के संबंधित प्रावधानों में परिवर्तन किया गया।
- राजकीय नीतियों के दिशा-निर्देश के क्षेत्र को बढ़ाया गया।
- न्यायिक समीक्षा के क्षेत्र को सीमित किया गया।
3. विवाद:
- कुशासनी मार्गों में शक्ति को संकेत होने के लिए और न्यायिक स्वतंत्रता को कमजोर करने के लिए बहुत की गई।
### 44वें संशोधन बिल (1978):
1. पृष्ठभूमि:
- 42वें संशोधन के चर्चा और आलोचना का उत्तर के रूप में प्रस्तुत किया गया।
- मोरारजी देसाई द्वारा प्रस्तुत किया गया, जो जनता पार्टी की अध्यक्षता कर रही थी।
2. मुख्य प्रस्तावना (पारित नहीं किया गया):
- 42वें संशोधन द्वारा बदले गए कुछ संवैधानिक प्रावधानों को पुनर्स्थापित करने की योजना बनाई गई थी।
- मौलिक अधिकारों को मजबूत करने और सरकारी शक्तियों को सीमित करने का उद्देश्य था।
3. परिणाम:
- हालांकि इसे पूर्णरूप से पारित नहीं किया गया, 44वें संशोधन बिल के कई प्रावधानों को बाद में संविधान में शामिल किया गया।
संक्षेप में, जबकि 42वें संशोधन ने आपातकाल के दौरान महत्वपूर्ण परिवर्तन किए, 44वें संशोधन
Question:
What significant change was made to the judiciary by the 42nd Amendment Act, 1976?
(a) 👍🏻 Enhanced powers of judicial review
(b) 🙏🏻 Restricted powers of judicial review
(c) ✅ Restricted the power of courts to review constitutional amendments
(d) ❤️ Increased independence of the judiciary
Answer with emojis:
Question:
Which of the following additions to the Indian Constitution was made by the 42nd Amendment Act, 1976?
(a) 👍🏻 Addition of Fundamental Duties
(b) 🙏🏻 Changes in Emergency Provisions
(c) ✅ Amendments to Directive Principles of State Policy
(d) ❤️ Inclusion of Anti-Defection Law
Answer with emojis:
The 42nd Amendment to the Constitution of India was enacted in 1976 during the period of Emergency. It was a comprehensive amendment that made several changes to various parts of the Constitution. Some key provisions and changes introduced by the 42nd Amendment include:
1. Preamble: The words "Socialist" and "Secular" were added to the Preamble, emphasizing the commitment to a socialist and secular form of government.
2. Fundamental Duties: A new chapter, Article 51A, was added, which outlines the Fundamental Duties of citizens towards the country.
3. Directive Principles of State Policy: It was declared that the Directive Principles are fundamental to the governance of the country and that they should guide the state in making laws.
4. Emergency Provisions: The President's power to proclaim Emergency was expanded, and the term "internal disturbance" was added as a ground for imposing Emergency.
5. Judicial Review: The power of judicial review of constitutional amendments was restricted, stating that no constitutional amendment could be questioned in any court on any ground.
6. Election of President and Vice President: The manner of election of the President and Vice President was changed, and the election could not be challenged on the ground of any vacancy in the electoral college.
7. State Legislatures: The power of the state legislatures to legislate on certain matters was curtailed, giving more authority to the Parliament.
The 42nd Amendment was criticized for diluting the independence of the judiciary and concentrating power in the hands of the executive. Subsequently, some of its provisions were amended or repealed by later amendments.
The correct answer is C) 1 and 3 only. The Gangetic dolphin, also known as Susu, is the national aquatic animal of India, and its IUCN status is indeed endangered.
Читать полностью…Q Consider the following statements with respect to Susu
1) It is the national aquatic animal of India.
2) It can only live in fresh water lakes.
3) The IUCN status of it is endangered.
Which of the above statements is/are correct?
A) 1 and 2 only
B) 2 and 3 only
C) 1 and 3 only
D) 1, 2 and 3
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Mains 2023 question paper Discussion: https://youtu.be/qK5IwFfrfsA?si=v6PeYCsv9OP74k7J
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