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अपनी तो मोहब्बत की इतनी कहानी है, टूटी हुई कश्ती और तैरता हुआ पानी है, एक फूल किताब में दम तोड़ चुका है, मगर कुछ याद नहीं आता यह किसकी निशानी है
🤣🤣🤣🤣🤣
बाबुल की दहलीज़ से...
संदीप गोठवाल (रावण जी)Читать полностью…
पता नहीं
वो कौन लोग है
जो खामोशी को पढ़ लेते है,
यहाँ तो कोई मेरे post
भी नहीं पढता !!
😂😂😂😂😂
एक बात बताओ शर्ट पर यदि चाय गिर जाए तो उसे😁
"टी शर्ट कह सकते है क्या😂😂
हवा के झोंके के साथ तेरी खुशबू भी आयी
🤣🤣🤣🤣
मैं समझ गया की तू आज फिर नहीं नहायी
सूगली🤣🤣
कन्यादान ~ महा दान
~ संदीप गोठवाल (रावण जी)Читать полностью…
❝
तुम्हारा…
मिल कर भी
ना मिलना,
मुझे उस मोड़ तक ले आया सनम—
जहाँ मोहब्बत अपने ही साए से
माफी माँगती फिरती है।
तुम एक ख़्वाब थे,
जो पलकों पर उतरकर
दिल की गलियों में आग लगा गए…
और फिर यूँ चले गए,
जैसे किसी सूखे जंगल को
बारिश का झूठा वादा मिल जाए।
मैं आज भी समझ नहीं पाई—
बरबाद किसने किया…?
तुमने?
या वो उम्मीदें,
जिन्हें मैंने तुम्हारे नाम से
बाँधने की गुस्ताख़ी कर दी थी।
❞
❤️🔥🌙🍂
❝
नसीब से शिकवा कैसा,
सब वक्त का खेल है…
ऊपरवाला जब मेहर कर दे,
तो अधूरी किस्मत भी पूरी हो जाती है।
🕊️✨🥀
मेरे post पर आने वालों
भगवान आपको कंबल में
बात करने वाले
को सोना - बाबू दे
Good Afternoon All
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ग़ज़ल
सब ख़फ़ा हैं मेरे लहज़े से, मेरे हाल से कोई वाक़िफ़ नहीं
मेरी ख़ामोशी के पीछे क्या टूटा है, इस राज़ से भी कोई सहिफ़ नहीं
मैंने सच को बहुत धीरे से कहा, ताकि रूहें न काँप जाएँ
पर मेरे नरम शब्दों में छिपे तूफ़ान को समझने वाला कोई शरीक नहीं
ये जो मुस्कान मैं ओढ़े फिरता हूँ, ये मेरी ढाल भी है, मेरी कैद भी
दिल की धरती तो वीरान पड़ी है, जहाँ दर्द के सिवा कोई ठीक नहीं
रातें मुझे यूँ घेर लेती हैं, जैसे सदियों पुराने हिसाब माँगती हों
चाँद भी क्या करे बेचारा, मेरी तकलीफ़ का वो भी तारीक़ नहीं
लोग पूछते हैं मैं इतना खोया-सा क्यों हूँ, पर सुनते नहीं
मेरी आँखों की तहों में जो डूबा है, उसका कोई मोती नसीब नहीं
मैंने चाहा था कोई एक दिल, जो मेरी ख़ामोशियों को भी सुन ले
पर ये शहर तो आवाज़ों का मेला है, जहाँ एहसास की कोई तासीर नहीं
अब कबूल है मुझे ये तन्हाई, ये दर्द, ये अधूरापन
क्योंकि मेरे टूटने की दास्ताँ में, मेरे सिवा कोई शरीक नहीं
सब ख़फ़ा हैं मेरे लहज़े से, मेरे हाल से कोई वाक़िफ़ नहीं
मैं अपनी ही परछाई से लड़ता रहा, और दुनिया को मेरी कमी दिखी नहीं
#आकाश
💖✨
मोहब्बत तुझसे है, तेरे हुस्न की कहानी नहीं,
ये दिल का सिलसिला है, कोई ज़ाहिरी निशानी नहीं।
अगर तुझे यक़ीं नहीं मेरी वफ़ाओं की लौ पर,
तो क्या हुआ, मेरे इरादों में कमी वीरानी नहीं।
दीवाने हम तो तेरी आँखों के भी बरसों से हैं,
वो नशा कम नहीं होता, जो किसी दिल पर मेहरबानी नहीं।
मगर तेरी मुस्कुराहट की कशिश ही कुछ और है,
उससे बढ़कर इस जहाँ में कोई और रवानी नहीं।
तू चाहे समझ न पाए मेरी चाहत की गहराई,
मुझे तेरी हर अदा प्यारी, कोई बात मनमानी नहीं।
तेरी यादों का दिया दिल में यूँ ही जलता रहेगा,
क्योंकि इश्क़ में हम जैसे लोग हार मानते—कहानी नहीं।
🕊️🌹💐
✍🏿 शिवा
ग़ज़ल
कै़दी है सभी यहाँ, कोई ख़्वाबों का…
कोई शहर-ए-दिल में उठती सदाओं का…
दिल की दिवारों पर क्यों सन्नाटा ठहर गया,
किसको इंतज़ार है किसकी अदाओं का…
ज़ख़्मों की धूप ढलती नहीं आसानी से,
कोई मरहम ढूँढे, कोई तजरबों का…
हमने भी चाहा था ज़रा आज़ाद जी सकें,
पर पीछा छोड़ता नहीं बोझ फ़र्ज़ों का…
मुमकिन है फिर कभी वो समंदर भी मुस्कुराए,
कोई साहिल बन गया है टूटे जज़्बों का…
वक़्त की सांकलें खुलें तो रूहें खिल उठें,
कै़द हो चुका है रास्ता दुआओं का…
#आकाश
पावन जन्मदिन – मेरी पत्नी के नाम 🌸
संदीप गोठवाल (रावण जी)Читать полностью…
🌿 ❝ जीवन का सत्य, और समय की गवाही ❞ 🌿
जीवन में तीन नियमों का पालन करिये,
'आनंद' में 'वचन' मत दीजिए,
'क्रोध' में कभी 'उत्तर' मत दीजिए और
'दुःख' में कोई 'बड़ा निर्णय' मत लीजिए...
Good Afternoon All
❝
सारा शहर तो ठिठुरती ख़ामोशी में लिपटा पड़ा है,
राहों पर ओस है, हवा में सिहरन है,
पर एक जगह है —
जहाँ मौसम का कोई हक़ नहीं चलता।
वो है तुम्हारी बाहों का कोमल घेरा…
जहाँ पहुँचते ही दिल को
मानो अपना घर मिल जाता है।
कितनी अजीब बात है—
बाहर की ठंड शरीर को छू ले,
पर तुम्हारा आलिंगन
रूह के गाढ़े अंधेरों तक उजाला पहुँचा दे।
कहते हैं कि सर्दियाँ रिश्तों की असलियत बता देती हैं,
पर मैं तो हर सर्द रात
तुम्हारी बाँहों में
अपनी पूरी दुनिया पिघलते हुए देख लेती हूँ।
❞ ✨❤️🔥🌿
आज मैंने गहरी रिसर्च से पता लगाया है की..😁
January के पास भी janu है पर मेरे पास नहीं..🥺😂🤣🤣
❝
याद तो हम आज भी तुम्हें
हर सुबह की धूप की तरह करते हैं,
पर आवाज़…?
वो अब दिल के भीतर ही दफ़्न रहने देंगे।
लिखते हैं हर लफ़्ज़ तुम्हारे लिए—
हर पंक्ति में तुम्हारा चेहरा,
हर विराम में तुम्हारी खामोशी…
पर नाम?
वो अब काग़ज़ पर नहीं उतरेगा,
क्योंकि जिसे पुकारकर भी
पाया न जा सके,
उसे यादों में बसाए रखना ही बेहतर है।
हम मोहब्बत आज भी उतनी ही करते हैं,
बस इज़हार का अंदाज़
थोड़ा ख़ामोश
और थोड़ा ख़ुशबू-सा हो गया है।
❞
🥀🌙✨
😜🦋
खबरदार अगर
उसे बेवफा
या
धोखेबाज कहा तो।
उसे हर लड़के में
मै नजर आता था, इतना प्यार करती थी वो मुझसे
😂😂😂😂
♥️✨𝐍a 𝐊ɪsɪ 𝐒ᴇ 𝐌ᴜʜᴀʙʙᴀᴛ ...🌟🌿
𝐍ᴀ 𝐊ɪsɪ 𝐒ᴇ 𝐍ᴀғʀᴀᴛ..🌟🌿
𝐀ᴘɴɪ 𝐋ɪғᴇ 𝐌ᴇ 𝐇ɪ 𝐌ᴀsᴛ 𝐑ᴀʜɴᴀ...🌟🌿
♥️✨ 𝐁ᴀs 𝐘ᴀʜɪ 𝐇ᴀɪ 𝐌ᴇʀɪ 𝐅ɪᴛʀᴀᴛ....🌟🌿
-᱾𝗅‖⎼💖⸺🙈⎼‖𝗅᱾--᱾𝗅‖⎼💖⸺💖⎼‖𝗅᱾-
प्यार तेरा अमर रहे...
संदीप गोठवाल (रावण जी)Читать полностью…
तेरी यादों का मौसम कुछ यूँ बरसने लगा,
दिल की सूखी ज़मीन पर हर लम्हा खिलने लगा।
तू पास नहीं, पर अहसास तेरे साथ हैं अभी,
जैसे धड़कनों में बसा कोई मीठा सा राग हो कभी।
इश्क़ तेरा आज भी मेरे दिल का सबसे ख़ूबसूरत भाग है अभी।
संदीप गोठवाल (रावण जी)Читать полностью…
Abhay ji @Abhayagarwal1990
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✦ ❝ मनुष्य-धर्म का दर्पण ❞ ✦
(Komal Rajput द्वारा लेखित — मौलिक साहित्य)
मनुष्य जब अपना ही मन पढ़ना सीख जाता है,
तो संसार की आधी उलझनें स्वयं खुलने लगती हैं।
क्योंकि बाहर का कोलाहल उतना कठोर नहीं,
जितना भीतर के प्रश्नों का शोर होता है।
कुछ लोग जीवन में आकर
हमारे विचारों को बढ़ाते हैं—
और कुछ, बस अनुभव बढ़ाकर चले जाते हैं।
पर दोनों ही, एक दिन
चरित्र की मिट्टी में बीज बन जाते हैं।
सत्य का स्वर कभी ऊँचा नहीं होता,
पर उसकी प्रतिध्वनि बहुत दूर तक जाती है।
और झूठ—
वह चाहे कितना भी मधुर हो,
रात के सन्नाटे में
आत्मा उसे पहचान ही लेती है।
जीवन का सार यही है—
मनुष्य जब अपने भीतर की रोशनी जगा लेता है,
तो उसे न अपना पक्ष साबित करना पड़ता है,
न ही किसी का स्वीकार माँगना पड़ता है।
क्योंकि सत्य का तेज़
कभी प्रमाण नहीं माँगता।
अतः चलो —
कुछ ऐसा जियें कि
हमारे पीछे छोड़े हुए शब्द
किसी के अँधेरे में
दीपक बन जाएँ… ✨
— Komal Rajput ✍🏻
💖✨
तुम चाहो तो मुझको संवार भी सकते हो,
मेरी धड़कनों को निखार भी सकते हो।
तुम समेट लो तो बिखरने से रुक जाऊँ,
वरना मैं हवाओं में हार भी सकते हो।
ये नज़रों की बारिश मुझे डूबो देगी,
तुम पलट के देखो तो करार भी सकते हो।
मैं कमज़ोर दिल का हूँ, जरा समझो मुझे,
तेरे एक ही लफ़्ज़ से पार भी सकते हो।
तुम जो कह दो रात को दिन बना डालूँ,
तुम इशारों से मुझको पुकार भी सकते हो।
मेरी रूह का रिश्ता है तेरी धड़कन से,
तुम चाहो तो मुझमें उतर भी सकते हो
🕊️🌹💐
✍🏿 शिवा
मेरी प्यारी मंदोदरी ✨
संदीप गोठवाल (रावण जी)Читать полностью…
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