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Telegram-канал kataizaharila - बेनाम शायर💌✍️

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मेरे पोस्ट्स📩 एक नशे की तरह है एक बार आदत पड़ गई तो बिना पढ़े 📖 रह पाना मुश्किल होगा इशारो इशारो में अपनी बातें रखने का दम रखता हूँ मैं शायर📝 तो नही हूँ जनाब मगर सीधा दिल💖 मे कदम रखता हूँ Interact @Nameless_Poet_bot @status_point @nature_is_calling

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बेनाम शायर💌✍️

वो मोगरे का गजरा लगाकर, घर जब आई,
ऐसा लगा कि इत्र की शीशी, गिरकर फूट गई है..

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बेनाम शायर💌✍️

हम फिर मिलेंगे
या नहीं!
इतना बता दो।

ताकि तय कर सकूँ मैं कि
केवल प्रेम ही करना है मुझे
या प्रतीक्षा भी ❤️

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बेनाम शायर💌✍️

चाहे कहने में सदियों की देरी हो
तुम जब कहना, कहना मेरी हो...

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बेनाम शायर💌✍️

जिंदगी में तुम्हें ना समझने वाले इंसान से
अगर मोहब्बत हो जाए

तो समझ लेना बद्दुआ लगी है तुम्हें किसी चाहने वाले की....

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बेनाम शायर💌✍️

मैंने कभी तुम्हारी प्रतीक्षा नहीं की या यूँ कहूँ की
मुझे इस राह पर कभी चलना ही नहीं था

किंतु जब तुम संयोगवश मेरे समक्ष आए
और बहुत ही सहजता से थाम लिया मेरा हाथ

फिर स्वयं में विलय कर मुझे खुद सा कर लिया
जैसे हमें एक दूसरे की सदियों से प्रतीक्षा हो

अब जब थाम ही लिया है इन हथेलियों को
तो मेरी कसमसाहट पर भी इन्हें ना छोड़ना

मैं लाख प्रयत्न करूँ तुमसे दूर जाने का
तुम अपनी बाहों की परिधि में मुझे समेट लेना...

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

थोड़ा-थोड़ा मिलता रहे,
तेरा स्नेह मुझ पर यूँ ही बरसता रहे,
जैसे शीतल प्रभात में पत्तों पर ओस उतरती है,
वैसे ही तेरी मृदुता मेरे मन पर ठहरती रहे।

तेरे स्नेह की हर बूंद में एक शांति है,
जो भीतर की हलचल को मौन कर जाती है,
जैसे कोई अंजानी प्रार्थना बिना शब्दों के,
आत्मा को स्पर्श कर जाती है।

ना दूरी मिटे, ना निकटता बढ़े,
बस ऐसा ही संतुलन बना रहे,
जहाँ न चाह हो, न मोह का बंधन,
सिर्फ़ स्नेह का निस्सीम प्रवाह बहता रहे…

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

एक इत्तेफाक हो,
एक रोज तुम साथ हो
सफर हो थोड़ी दूर तक का
और हाथों में तुम्हारा हाथ हो
नज़रें देखकर तुम्हें गाएं गज़ल
ज़ुबा खामोश होकर भी
कह जाए मन की हलचल
सच कहूँ तो गुजर जाए ये उम्र
पर गुजरे न ये सफर।

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

सुनो, पारिजात के खिलने से पहले ही याद आ जाती तुम्हारी हर बात, तुम्हारे साथ गुजरे अक्टूबर की कोमल नर्म सांझ, बादलों के आंचल से बाहर झांकता चमकीला चांद, और मेरे उंगलियों में उलझा तुम्हारा प्रगाढ़ हाथ..
सुनो इस बार मिलो तो इतना लिखना कि मैं चांद से लेकर सुबह की भोर, पारिजात के बिखरने तक बस तुम्हें पढ़ता रहूं..

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

फिर से कोई ख्वाब ना आँखों में आने दो मेरे
टूटते हैं ख्वाब तो चुभती हैं आँखे रात भर ❤️

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बेनाम शायर💌✍️

नज़र की स्याही से लिखेंगे तुम्हें हज़ार चिठ्ठियाँ..
तुम दिल के लिफाफे पे चाहत का टिकिट चिपका देना..

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बेनाम शायर💌✍️

कोरे कागज़ पर लिखी है कुछ अधूरी ख्वाहिशें
उनमे सबसे पहले जो नाम है वो तुम्हारा है

ग़र यकीं न आए तो देख लो मेरी आंखों में
पहली बार जो ख़्वाब देखा है वो तुम्हारा है

धड़कनें भी इस बात की गवाह हैं कि जिसके लिए धड़कता है ये दिल वो दिल तुम्हारा है

महसूस करना मुझे कभी तन्हाईयों में
रूह को छुआ है जो एहसास वो बस तुम्हारा ही है ..

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

वो सँवरती है आईने को तकते हुए,

वो सँवर जाए तो आईना तकता रहता है...❤️🌻

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

और जब ज़िन्दगी के आख़िरी छोर पर कोई पूछेगा कि बताओ तुमने ताउम्र क्या किया मैं मुस्कुराते हुए बोलूंगी

"प्रेम" किताबों से, कविताओं से, आसमान से, बादलों से, चाँद से और फूलों से और फ़िर वो पूछेगा"और किससे?"

मैं बोलूंगी "और इन सभी से रूबरू होते वक़्त याद आने वाले एक शख्स से….

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

कुछ लोग गणित की समानान्तर रेखाओं की तरह होते हैं,
अनन्त तक जाने पर भी उनका मिलन नहीं हो पाता..
तुझसे प्रेम मुझे ऐसे है जैसे
किसी मन्दिर मे कलश से बूंद-बूंद गिरता पानी..,
तू पत्थर ही सही ,
पर तुझ में मेरी आस्था है ,
और शायद..
तू ही मेरे.. मोक्ष का रास्ता है!!


@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

इश्क वही तो है जो रोज किताबो मे ढूंढते हो
इश्क वही तो है जो रोज गुलाबो मे ढूंढते हो
इश्क मे छोड़ आए पास किसी के अपने शुकून को
इश्क वही तो है जो नींद को ख्वाबों मे ढूंढते हो
इश्क वही तो है।

इश्क आसमा और खाक को इकसार कर देता है
इश्क जिद पे आए तो समंदर भी पार कर देता है
हां इनकार कर देता है सांसों को भी एक मेहबूब के लिए
छुपी है दिल मे ये चिंगारी जो तुम चिरागो में ढूंढते हो
इश्क वही तो है।

में नही कहता के इश्क तबाह नही करता
हां हो जाए गर फिर फासलो की परवाह नही करता
हां चाह नही करता सिवाय इश्क किसी की फिर
इश्क वही तो है जो किसी की आबो मे ढूंढते हो
इश्क वही तो है।

किसी के लिए आंखो का पहरा इश्क है
किसी के लिए दर्द कोई गहरा इश्क है
ना जाने इश्क को क्या क्या सबने नाम दिए होंगे
मेरे लिए तो मेरे यार का चेहरा इश्क है
कभी महफिल कभी तन्हाई कभी शराबों मे ढूंढते हो
इश्क वही तो है जो रोज किताबो में ढूंढते हो

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

मै पैरों मे सर रखकर भी मना लूंगा तुम्हे,
बस इतना ख्याल रखना मेरे झुकने पर तुम्हे गुरूर नही मेरा प्रेम महसूस हो।

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

निगाह उठती है तेरी ओर जब-जब
मैं तुझमें अपना सब देखता हूँ
हाथ खाली हैं मेरे लकीरों से तो क्या
मैं तुझमें अपना रब देखता हूँ ❤️

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

लफ्ज मै कितने भी ............. खूबसूरत लिख दूँ...

निखार तो तब आता है जब आप दिल से "उफ्फ" करते है..
💓💓

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बेनाम शायर💌✍️

मेरा प्रेम तुम्हारे लिए घर के बाहर बने स्वास्तिक के निशान जैसा है..
जो तुम्हारे लिए हमेशा मंगल कामना करता है..

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बेनाम शायर💌✍️

पूछो ना
ये दीवानगी किसके लिए है
ये आवारगी किसके लिए है

सच कहूं तो मेरे हर सवाल का जवाब तुम हो
मैं शायर तेरे दम से मेरी शायरी का हिसाब तुम हो
मैं सूफी जिसे मिले हो तुम मजार की तरह
मेरे दिल के बगीचे के इकलौते गुलाब तुम हो

पूछो ना
सुरो मे ये ताजगी किसके लिए है
खुदा से भी अब नाराजगी किसके लिए है

सच कहूं तो तेरे बिना सब कुछ अंधेरी रात सा है
महफिलों का शोर भी गम भरे हालात सा है
हां तेरे होंटो पे कन्ही अटकी है जान मेरी
आज भी नशा मुझे अपनी पहली मुलाकात सा है

बताओ ना
चेहरे पे ये हैरानगी किसके लिए है
मेरी मोहब्बत की हर बानगी किसके लिए है

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

विकल होकर मैं जिधर भी देखता हूँ प्रियतमा
मेरे नयन बस तुमको ही हैं ढूंढ़ते रात-दिन
गीत तो हैं बहुत स्मृति में मेरे मगर
होंठ मेरे बस तुम्हे ही हैं पूछते रात-दिन ❤️

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

किसी रोज़ मिलेंगे तो कहेंगे सब हाल तुमसे!
जानकर सब हाल पूछेंगे कुछ सवाल तुमसे!!

पूछेंगे कि कैसे अकेले गुज़ारा करते हो?
क्या नींद में अब भी मुझे पुकारा करते हो?
सोते हो बंद आंखों में ख्वाबों को समेटकर!
या चांद को देर तलक निहारा करते हो!!
मैं पूछूंगा कैसे करते हो ये कमाल तुमसे?
किसी रोज़...

तुम आख़िर क्यों मुझसे इतनी दूर हो गई?
कौन सी वज़ह थी जो ऐसे मजबूर हो गई?
तुमने सच में ज़माने की ख़ातिर मुझे छोड़ा है!
या फ़िर नए दोस्त को पाकर मग़रूर हो गई!
इतनी ही शिक़ायत रहेगी फिलहाल तुमसे!!
किसी रोज़...

तुम्हें मेरी कविताओं की आदत है कि नहीं!
मेरी उस एक तस्वीर से मोहब्बत है कि नहीं!!
तुमने कहा था बड़े स्मार्ट लगते हो “बनारसी ”!
क्या दिल में अभी उतनी ही चाहत है कि नहीं?
चाय पर बैठेंगे तो जानेंगे सारे ख़्याल तुमसे!!
किसी रोज़..

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

सब पूछ रहे हैं मुझसे मेरी शायरियों का ये राज़..
तुम कहो तो उनको तुम्हारे नाम के अक्षर बता दूं..

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

हम हारेंगे, हम जीतेंगे
ये सब न सोचा जायेगा प्रिय
जो होगा देखा जायेगा प्रिय

है मुश्किल वक्त हमारा लेकिन
वक्त एक दिन बदलेगा
तपती धूप की ग्रीष्म ऋतु है
ये मौसम एक दिन बदलेगा
भीनी बारिश और सोंधी मिट्टी का
वो सावन फिर से आयेगा प्रिय
जो होगा देखा जायेगा प्रिय

साथ अगर तुम हो तो फिर
मैं समय से भी लड़ जाऊंगा
छीन के सारे ख्वाब समय से
फिर पास तुम्हारे लाऊंगा
पुनर्मिलन का वो सुंदर स्वप्न
आँखों में फिर से आयेगा प्रिय
जो होगा देखा जायेगा प्रिय

नियति के इस अनंत बहाव को
हाथों से न रोका जायेगा प्रिय
जो होगा देखा जायेगा प्रिय ❤️

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

सुनो
एक अनाम सा रिश्ता है तुम्हारे मेरे बीच....
शब्दों की सीमा में जिसे बंधा नहीं जा सकता.....
क्या नाम दूं इसे प्रेम, प्यार, या फिर मेरी कल्पना...
सभी कुछ तो हो तुम मेरे लिए ......

बंधनों में जिसे बंधा नहीं जा सकता.....
बंधनों से परे होते है कुछ रिश्ते .....🥰🥰
दोस्ती से और प्यार से भी ऊपर मुकाम रखता है
हमारा रिश्ता
साथ कब तक है नही पता लेकिन
ये सफर जितना भी है बस अच्छी यादें और बस ईमानदारी के साथ निभाएंगे हम लोग
क्योंकि कभी कभी न चाहते हुए भी कुछ रिश्ते
हमसे बिछड़ जाते है और हमारे दिल के किसी कोने में रह जाते है........जो कभी कभी होंठो पर मुस्कुराहट लाते है
तो कभी हमारी पलकों को गीला कर जाते। ....
कुछ लोग जाकर भी नहीं जाते....

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बेनाम शायर💌✍️

पसंदीदा स्त्री को मिलने बुलाने के लिए बोला गया झूठ,
मोहब्बत के " अध्याय " में एक पवित्र कर्म माना गया है..l

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बेनाम शायर💌✍️

मैं चंचल सी लड़की वो समझदार लड़का
मुझे मिलने की ख्वाहिश वो व्यस्त लड़का

मुझे पसंद है उसके साथ वक्त बिताना
वो हर पल वक्त देखने वाला लड़का

बारिश में भीगना साथ घूमना ये मेरे ख्वाब सारे
वो लोगों की परवाह करने वाला लड़का

मैं सबसे बताती हूं वो मेरा प्यार मेरा दोस्त है
और वो हमारे रिश्ते को अनजान बताने वाला लड़का

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

प्यार एक तरफा मेरा
किसी काम ना आया
तेरे होंठो पे कभी
मेरा नाम ना आया

दिल की हसरत थी की
तू मुझसे दूर जाए तो
ये ही कहे मेरे बिना दिल को
आराम तो आया नही

ना जाने कैसा फसाना
ये शुरू कर दिया मैंने
जिसका आगाज तो मुकम्मल हुआ
लेकिन आज तलक अंजाम ना आया

मोहब्बत प्यार वफा
ओर तुझको पाने का जुनून
ये तो सब कुछ था मेरे पास
पर कुछ भी काम ना आया

@kataizaharila

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बेनाम शायर💌✍️

तलाक के इस ट्रेंडिंग सीजन में ,
कई जन्मों का प्रीमियम पैकेज हो तुम...!😁❤️
@kataizaharila

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