जय श्री कृष्ण 🚩
विना विपत्तिं महिमा केषां कुत्र भविष्यति।
सुकर्मिणां गते दुःखे प्रभवेद् दुर्लभं सुखम् ॥
जय राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम 🍁
Читать полностью…Swami Vivekananda का राजयोग➡️मन जीतने का Secret
Читать полностью…*वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
*आज का दिन आपके लिए सुख-सुविधाओं में वृद्धि लेकर आने वाला है। आपका कोई काम समय से पूरा न होने से आपकी समस्याएं बढ़ेंगी। आपको किसी दूर रह रहे परिजन की याद सता सकती है। रचनात्मक कार्यों में आपकी खूब रुचि रहेगी। आपको किसी बात को मिल बैठकर सुलझाना होगा। आप अपने घर के कामों के लिए भी अच्छा खासा धन खर्च करेंगे। आपको आपका कोई मित्र किसी काम को लेकर गलत सलाह दे सकता है। जो विद्यार्थी विदेश जाकर शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं, उन्हें अपनी मेहनत को जारी रखना होगा।*
*मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)*
*आज का दिन आपके लिए लाभदायक रहने वाला है। आप बुद्धि और विवेक से निर्णय लेकर लोगों को हैरान करेंगे। विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई-लिखाई में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए गुरुजनों का पूरा साथ मिलेगा। आप जीवनसाथी से भविष्य को लेकर किसी योजना पर बातचीत कर सकते हैं। आपको कोई पैरों से संबंधित समस्या हो सकती है। यदि ऐसा हो, तो आप उसे छोटा ना समझे। आपका मन किसी बात को लेकर परेशान रहेगा।*
*कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
*आज का दिन आपके लिए व्यस्तता भरा रहने वाला है। आपको काम को लेकर उलझने अधिक रहेंगी। परिवार के सदस्यों के साथ आप किसी मांगलिक उत्सव में सम्मिलित हो सकते हैं। माता-पिता का आपको पूरा सहयोग मिलेगा। भाई-बहन आपके कामों में पूरा साथ देंगे। आपको काम के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के लिए भी समय निकालना होगा, नहीं तो वह नाराज हो सकते हैं। आप धन को लेकर रुके हुए कामों को करने के लिए परेशान रहेंगे।*
*सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
*आज का दिन आपके लिए सामाजिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए रहेगा। व्यवसाय में यदि कोई काम लंबे समय से अटका हुआ था, तो वह भी पूरा हो सकता है। आपके शत्रु आपको परेशान करने की कोशिश करेंगे। आप अपने घर किसी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन कर सकते हैं। प्रेम जीवन जी रहे लोगों के बीच आज किसी बात को लेकर खटपट होने की संभावना है। यदि कोई वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न हो, तो आप उस पर पूरा ध्यान दें। आपको किसी काम को लेकर अपनी मनमानी चलने से बचना होगा।*
*कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
*आज का दिन आपके लिए इनकम के मामले में बढ़िया रहने वाला है। आप अपने किसी पुराने वाद-विवाद को समाप्त करने की कोशिश में लगे रहेंगे। विद्यार्थियों को शिक्षा में आ रही समस्याओं पर पूरा ध्यान देना होगा। आपकी दीर्घकालीन योजनाओं को गति मिलेगी। आपके घर किसी अतिथि का आगमन हो सकता है। आप दोस्तों के साथ कहीं घूमने फिरने जाने की प्लानिंग कर सकते हैं। परिवार में किसी सदस्य की सेहत खराब रहेगी।*
*तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
*आज का दिन प्रेम जीवन जी रहे लोगों के लिए ऊर्जावान रहने वाला है। परस्पर सहयोग की भावना आपके मन में बनी रहेगी। आपकी इच्छाएं बढ़ने से परिवार के सदस्य भी आपसे नाराज रहेंगे। आपको अपने किसी काम को लेकर योजना बनाकर चलना होगा। आपसे कार्यक्षेत्र में जल्दबाजी के कारण कोई गड़बड़ी हो सकती है। आस पड़ोस में कोई वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है। ससुराल पक्ष से आपको धन लाभ मिलेगा।*
*वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
*आज का दिन आपके लिए प्रसन्नता दिलाने वाला रहेगा। आपको किसी से किए हुए वादे को पूरा करना होगा। राजनीति में कार्यरत लोगों की छवि और निखरेगी। आपको काम को लेकर कुछ नए अवसर मिलेंगे। आप बेवजह किसी बात को लेकर क्रोध न करें। आपके धन-धान्य में वृद्धि होने से आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। आप किसी मनोरंजन के कार्यक्रम में सम्मिलित हो सकते हैं। आपको कुछ नया करने की इच्छा जागृत होगी। आप किसी काम को लेकर वरिष्ठ सदस्यों सलाह ले सकते हैं।*
*धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)*
*आज का दिन आपके लिए आय और व्यय में तालमेल बनकर चलने के लिए रहेगा। आपको अपने खर्चों का लेखा-जोखा रखना होगा, तभी वह दूर होंगे। पार्टनरशिप में कोई काम करना आपके लिए अच्छा रहेगा। एक साथ कई काम हाथ लगने से आपकी व्याकाग्रता बढ़ सकती है। भाग्य का आपको पूरा साथ मिलेगा। आप अपनी माताजी से कुछ कामों को लेकर बातचीत कर सकते हैं। आपको किसी पुराने मित्र से लंबे समय बाद मिलकर खुशी होगी।*
*मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)*
*आज आपके चारों ओर का वातावरण खुशनुमा रहेगा। आपके परिवार का कोई सदस्य नौकरी में बदलाव के लिए आपसे सलाह ले सकता है। प्रॉपर्टी का काम कर रहे लोगों को अच्छा मुनाफा मिलेगा। आप अपने खान-पान पर पूरा ध्यान दें। संतान के भविष्य से जुड़ा आप कोई फैसला ले सकते हैं। आपको किसी मित्र से लंबे समय बाद मिलने का मौका मिलेगा। आपकी कुछ नया करने की इच्छा जागृत हो सकती हैं। आपको अपने पारिवारिक मामलों को घर में ही निपटाना बेहतर रहेगा।*
थकायेगा भी ।
इसलिये हिन्दू, यहूदी, पारसी, जैन, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम बनने की अपेक्षा धार्मिक बनिये । विशुद्ध धार्मिक, परमधार्मिक।
याद रखिये । यदि आप धार्मिक नहीं बने तो ये सब बनने का कोई अर्थ नहीं। सनातन धर्म में धर्म के दो रूप हैं — सामान्य और विशेष। जिसमें सामान्य धर्म नहीं उसमें विशेष धर्म नहीं ठहरते ।अतः हर धार्मिक में सामान्य धर्मों का होना अनिवार्य है ।
इसलिये इस वर्ष हम पूरे विश्व को सामान्य धर्मों की शिक्षा देने का प्रयास करेंगे और इसी माध्यम से परमधार्मिकता की ओर लोगों को ले चलने का प्रयास करेंगे ।
_हमारी वार्षिक योजना_
विगत वर्ष जो लक्ष्य हमने रखे थे श्रीगुरुमहाराज और भगवती की कृपा से उसमें लगभग सफल रहे हैं।
इस संवत्सर हमने तैंतीस करोड लोगों से सम्पर्क कर उनसे संवाद स्थापित करने का लक्ष्य रखा है जिसे श्रीशंकराचार्य तकनीकी और जीवंत धर्मदूतों के माध्यम से पूरा करना चाहेंगे। इस संवाद में धर्म के सभी विषय सम्मिलित हैं जिनमें से गोकुल, गुरुकुल और सत्कुल मुख्य होंगे।
_हमारी गोनीति_
अब जबकि देश के किसी भी राजनैतिक दल ने गोरक्षा की शपथ बार-बार समय देने पर भी उद्घोषित नहीं की है अतः इसके साथ ही साथ गोप्रतिष्ठा आन्दोलन को आगे बढाते हुये— ‘तैंतीस कोटि गौमतदाता
तीन लाख श्रीरामाधाम ।
कुछ हजार जो बूचडखाने
सुधरें, तो हो गौ का काम’ के लक्ष्य की प्राप्ति के प्रयास आरंभ कर दिये जायेंगे।
_वाराणसी होगा पायलट जिला_
गोमतदाता संकल्प, रामा गौ की पहचान सहित रामाधाम निर्माण और बूचडखाना सुधार कार्यक्रम का पाइलट जिला वाराणसी होगा जिसमें आज से ही कार्य आरंभ कर दिया जायेगा ।
_वर्षफल_
सिद्धार्थ नामक इस संवत्सर में प्रजा ज्ञान वैराग्य से युक्त होगी।सम्पूर्ण पृथ्वी पर प्रसन्नता रहेगी।अच्छी वर्षा होने से कृषिकार्य में लाभ होगा।शासकवर्ग और प्रजा दोनों सुखी रहेंगे।कहा है—
तोयपूर्णो भवेन्मेघो बहुसस्या वसुन्धरा ।सुखिनः पार्थिवाः सर्वे सिद्धार्थे नाम्नि वत्सरे । अस्मिन् हि वत्सरे भूयो ज्ञानवैराग्य युक्प्रजाः ।सकला वसुधा भाति बहु सस्यार्घवृष्टिभिः ॥ इसी क्रम में आज हमने परम्परानुसार काशी के शंकराचार्यघाट पर सनातनी पंचांग का विमोचन किया है और मठ भवन पर धर्मध्वज भी फहराई है ।यही नहीं श्रीगणेशाम्बिका तथा संवत्सर के राजा श्रीसूर्य के पूजन पुरस्सर ब्रह्मा जी की पूजा कर वर्ष की सफलता का —
‘भगवंस्त्वत्प्रसादेन वर्षं क्षेममिहास्तु मे। संवत्सरोपसर्गा मे विलयं यान्त्वशेषतः’ कहकर आशीर्वाद भी मांगा है और नीम के पत्ते के साथ यथोक्त प्रसाद भी बांटा है।
_आज की हमारी घोषणा_
हम परमाराध्य परमधर्माधीश के रूप में परमधर्मसंसद् 1008 की ओर से यह घोषित करते हैं कि विक्रम संवत् भारत का संवैधानिक संवत्सर है। इसमें भारत का संविधान ही प्रमाण है जिसकी उद्घोषणा में विक्रम संवत् का प्रयोग किया गया है।
हर हर महादेव
हम वह हैं जिसकी पहचान गात्र (शरीर) से नहीं अपितु गोत्र (गोरक्षाव्रत) से है। हम हिन्दू हैं।
👉🏻 *7. भगवान शिव पर ईख (गन्ना) के रस की धारा चढ़ाई जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है। शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।*
👉🏻 *8. देवी भागवत के अनुसार वेद पाठ के साथ यदि कर्पूर, अगरु (सुगंधित वनस्पति), केसर, कस्तूरी व कमल के जल से माता पार्वती का अभिषेक करने से सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है तथा साधक को थोड़े प्रयासों से ही सफलता मिलती है।*
👉🏻 *9. जूही के फूल से भगवान शिव का पूजन करने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है। हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।*
👉🏻 *10. देवी भागवत के अनुसार, माता पार्वती को केले का भोग लगाकर दान करने से परिवार में सुख-शांति रहती है। शहद का भोग लगाकर दान करने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं। गुड़ की वस्तुओं का भोग लगाकर दान करने से दरिद्रता का नाश होता है।*
👉🏻 *11. भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति हो सकती है। तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।*
👉🏻 *12. द्राक्षा (दाख) के रस से यदि माता पार्वती का अभिषेक किया जाए तो भक्तों पर देवी की कृपा बनी रहती है।*
👉🏻 *13. शिवजी को जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है व गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।*
👉🏻 *14. देवी भागवत के अनुसार, माता पार्वती को नारियल का भोग लगाकर उसका दान करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। माता को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाकर गरीबों को दान करने से लोक-परलोक में आनंद व वैभव मिलता है।*
👉🏻 *15. माता पार्वती का अभिषेक दूध से किया जाए तो व्यक्ति सभी प्रकार की सुख-समृद्धि का स्वामी बनता है।*
🙏🏻🅰️
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
ॐ नमश्चण्डिकायै
हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत २०८२ व चैत्र नवरात्रि पर्व की अनंत बधाई एवं शुभकामनाएं।।
यह नव वर्ष आपके जीवन में नव ऊर्जा का संचार करें ऐसी मंगलकामनाएं है।।
जय श्री सीताराम सरकार 🌺🙏🏻
हर हर महादेव 🌺🙏🏻🚩
🚩 विक्रम संवत 2082 की मंगलमय शुभकामनाएँ! 🌿🔥
यह केवल नए संकल्पों का समय नहीं, बल्कि अपनी सनातन संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर को आत्मसात करने का शुभ अवसर है। यह वही पावन संवत्सर है, जिसने श्रीराम की मर्यादा और श्रीकृष्ण की लीला को सहेजा है, जिसने धर्म और सत्य की विजय के साक्षी युग देखे हैं।
🌞 सूर्य देव को अर्घ्य दें, आत्मशक्ति और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करें। नववर्ष का यह पावन क्षण हमें याद दिलाता है कि धर्म केवल आस्था नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है। यह वर्ष हमें सत्य, कर्तव्य और राष्ट्र के प्रति समर्पण की प्रेरणा दे।
🔥 आइए, भगवा चेतना को जागृत करें, अपने संस्कारों को पुनः जीवंत करें और धर्म की इस अखंड ज्योति को पूरे विश्व में प्रज्वलित करें। 🚩🙏
राष्ट्रभक्ति ले हृदय में, हो खड़ा यदि देश सारा,
संकटों पर मात कर, यह राष्ट्र विजयी हो हमारा।"🙏🙏
हनुमंत सदा सहायते 🙏✨
जय श्री शनि महाराज 🙏🏻
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम्।
भक्तावासं स्मरेन्नित्यमायुःकामार्थसिद्धये॥ 🌺🚩
Podcast 🦖
गाय बिना गति नहीं और वेद बिना मति नहीं।
गौमाता की जय हो।
गौहत्या बंद हो।
अंतिम समय हमारा केवल श्री हरी के लिए है ।🍁
Читать полностью…जय श्री गौरी केदारेश्वर महादेव 🌺🙏🏻🚩
Читать полностью…*कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
*आज का दिन आपके लिए आर्थिक दृष्टिकोण से अच्छा रहने वाला है। दोस्तों के साथ आप आनंदमय समय व्यतीत करेंगे। यदि आपने किसी से उधार का लेनदेन किया था, तो उसे भी आप आसानी से उतार सकते हैं। पारिवारिक जीवन में चल रही समस्याएं फिर से सिर उठाएंगी। आप भगवान के भक्ति में काफी ध्यान लगाएंगे। आपको किसी से कोई बात बहुत ही संयम रखकर कहनी होगी। आपकी संतान आपकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी।*
*मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
*आज आपको अपने आसपास रह रहे विरोधियों से सतर्क रहना होगा। कार्यक्षेत्र में भी कोई आपके कामों को बिगाड़ने की कोशिश कर सकता है। आप किसी को बिना मांगे सलाह देने से बचें। जीवनसाथी की सेहत में कुछ उतार-चढ़ाव रहने से आप परेशान रहेंगे। आपका अपने परिवार के सदस्यों से किसी बात को लेकर कोई विरोध भी उत्पन्न होने की संभावना है। आपके बॉस आपकी जिम्मेदारियां को बढ़ा सकते हैं, जिन पर आपको ध्यान देना होगा।*
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
युक्तः कर्मफलं त्यक्त्वा
शान्तिमाप्नोति नैष्ठिकीम्।
अयुक्तः कामकारेण
फले सक्तो निबध्यते॥
*बाबा महाकाल जी की जय।*
*मुक्ति मार्ग पञ्चाङ्ग*
==============
*आज का पञ्चाङ्ग एवम् राशिफल*~~~~~~
*सोमवार, ३१ मार्च २०२५*~~~
*सूर्योदय: ०६:२०*
*सूर्यास्त: १८:४२*
*चन्द्रोदय: ०७:२६*
*चन्द्रास्त: २०:५७*
*अयन उत्तरायण*
*ऋतु: ⛈️ बसन्त*
*शक सम्वत: १९४७ (विश्वावसु)*
*विक्रम सम्वत: २०८२ (कालयुक्त)*
*युगाब्द (कलि संवत) ५१२७*
*मास चैत्र*
*पक्ष शुक्ल*
*तिथि द्वितीया (०९:११ से तृतीया)*
*तिथि तृतीया (२९:४२+ से चतुर्थी)*
*नक्षत्र अश्विनी (१३:४५ से भरणी)*
*योग वैधृति (१३:४६ से विश्कुम्भ)*
*प्रथम करण कौलव (०९:११ तक)*
*द्वितीय करण तैतिल (१९:२४ तक)*
*तृतीय करण गर (२९:४२+ तक)*
*॥ गोचर ग्रहा:॥*~~~
*सूर्य मीन*
*चंद्र मेष*
*मंगल मिथुन (उदित, पूर्व, मार्गी)*
*बुध मीन (अस्त, पश्चिम, वक्री)*
*गुरु वृषभ (उदित, पूर्व, मार्गी)*
*शुक्र मीन (उदित, पश्चिम, वक्री)*
*शनि मीन (अस्त, पूर्व, मार्गी)*
*राहु मीन*
*केतु कन्या*
*शुभाशुभ मुहूर्त विचार*~~~
*अभिजित मुहूर्त १२:०६ से १२:५६*
*अमृत काल ०७:२४ से ०८:४८*
*रवि योग १३:४५ से १४:०८*
*विजय मुहूर्त १४:३५ से १५:२४*
*गोधूलि मुहुर्त १८:४१ से १९:०४*
*सायाह्न सन्ध्या १८:४२ से १९:५२*
*निशिता मुहूर्त २४:०७+ से २४:५४+*
*ब्रह्म मुहूर्त २८:४७+ से २९:३४+*
*राहुकाल ०७:५३ से ०९:२६*
*गुलिक काल १४:०४ से १५:३७*
*यमगण्ड १०:५८ से १२:३१*
*दुर्मुहूर्त १२:५६ से १३:४५*
*वर्ज्य १०:१३ से ११:३८*
*गण्ड मूल ०६:२० से १३:४५*
*विडाल योग ०६:२० से १३:४५*
*होमाहुति सूर्य (१३:४५ से बुध, १४:०८ से सूर्य)*
*दिशा शूल पूर्व*
*राहुकाल वास उत्तर-पश्चिम*
*अग्निवास आकाश (०९:११ से पाताल, २९:४२+ से पृथ्वी)*
*चन्द्रवास पूर्व*
*शिववास गौरी के साथ (०९:११ से सभा में, २९:४२+ से क्रीड़ा में)*
*चौघड़िया विचार*~~~~
*॥ दिन का चौघड़िया॥*
*१ - अमृत २ - काल*
*३ - शुभ ४ - रोग*
*५ - उद्वेग ६ - चर*
*७ - लाभ ८ - अमृत*
*॥ रात्रि का चौघड़िया॥*
*१ - चर २ - रोग*
*३ - काल ४ - लाभ*
*५ - उद्वेग ६ - शुभ*
*७ - अमृत ८ - चर*
*नोट~ दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।*
*शुभ यात्रा दिशा*~~~~
*(दक्षिण) दर्पण देखकर यात्रा करें*
*तिथि विशेष*~~~~~
*मतस्यावतार जयंती, गौरी पूजन, गणगौर , स्वायम्भुव मन्वादि आदि*
*आज जन्मे शिशुओं का नामकरण*~~~~~~
*आज १३:४५ तक जन्मे शिशुओं के नाम अश्विनी नक्षत्र के अनुसार क्रमशः (चू, चे, चो, ला) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है॥*
*उदय-लग्न मुहूर्त*~~~~
*मीन - ०५:३४ बजे से ०७:०५*
*मेष - ०७:०५ से ०८:४५*
*वृषभ - ०८:४५ से १०:४३*
*मिथुन - १०:४३ से १२:५६*
*कर्क - १२:५६ से १५:१३*
*सिंह - १५:१३ से १७:२४*
*कन्या - १७:२४ से १९:३५*
*तुला - १९:३५ से २१:५०*
*वृश्चिक - २१:५० से २४:०६+*
*धनु - २४:०६+ से २६:११+*
*मकर - २६:११+ से २७:५७+*
*कुम्भ - २७:५७+ से २९:३०+*
*पञ्चक रहित मुहूर्त*~~~~
*रोग पञ्चक - ०६:२० से ०७:०५*
*चोर पञ्चक - ०७:०५ से ०८:४५*
*शुभ मुहूर्त - ०८:४५ से ०९:११*
*रोग पञ्चक - ०९:११ से १०:४३*
*शुभ मुहूर्त - १०:४३ से १२:५६*
*मृत्यु पञ्चक - १२:५६ से १३:४५*
*अग्नि पञ्चक - १३:४५ से १५:१३*
*शुभ मुहूर्त - १५:१३ से १७:२४*
*रज पञ्चक - १७:२४ से १९:३५*
*शुभ मुहूर्त - १९:३५ से २१:५०*
*चोर पञ्चक - २१:५० से २४:०६+*
*शुभ मुहूर्त - २४:०६+ से २६:११+*
*रोग पञ्चक - २६:११+ से २७:५७+*
*शुभ मुहूर्त - २७:५७+ से २९:३०+*
*शुभ मुहूर्त - २९:३०+ से २९:४२+*
*मृत्यु पञ्चक - २९:४२+ से ३०:१९+*
*नोट- पंचांग में जहां कहीं भी समय के साथ उपर्युक्त (➕) चिन्ह का प्रयोग किया जा रहा है वहां उसका आशय अगले दिवस के समय के लिये समझा जाये॥*
*आज का सुविचार*~~~~
*यदि आपके भीतर भूल स्वीकारने की हिम्मत होती है तो लोग आपकी भूल क्षमा कर देते हैं।*
*आज का राशिफल*~~~~
*मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)*
*आज का दिन आपके लिए समस्याओं से छुटकारा दिलाने वाला रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपको कुछ नए अवसर मिलेंगे। संतान के साथ आप कुछ समय बातचीत करने में व्यतीत करेंगे, जिससे आपको उनके मन में चल रही बातों को जानने का मौका मिलेगा। आप यदि किसी की भलाई के लिए आगे आएंगे, तो लोग इसे आपका स्वार्थ समझेंगे। आप राजनीति के काम में बहुत ही सोच समझकर हाथ बढ़ाएं। आपको कोई बहलाने फुसलाना की कोशिश कर सकता है।*
‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ‘स्वामिश्रीः’ अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008’ का विश्व के धार्मिकों के नाम ( 1955885126वें) नव संवत्सर पर
*शिव-सन्देश*
प्रिय धार्मिको !!!
आप सबको वर्तमान सृष्टि के 1 अरब 95 करोड 58 लाख 85 हजार 126 वें वर्षारम्भ की अनेकानेक शुभकामनायें और शुभाशीर्वाद ।
यह गिनती हमें परम्परा से मिली है जिसे हम सृष्टि के पहले दिन से प्रतिदिन किये जाने वाले अपने प्रत्येक महत्त्वपूर्ण कार्य के आरंभ में किये जाने वाले संकल्प के माध्यम से ताजा रखते आये हैं। यहां ज्ञातव्य है कि पहला संकल्प स्वयं ब्रह्माजी ने सृष्टि रचना का आरंभ करते हुये लिया था।
चैत्रे मासि जगद्ब्रह्मा ससर्ज प्रथमेऽहनि।
शुक्ले पक्षे समग्रे तु तथा सूर्योदये सति ॥
यह सत्य सनातन धर्म है जो सृष्टि के आरंभ से आज इतने वर्ष बीत जाने पर भी जीवमात्र के कल्याण के लिये जागृत और प्रवहमान है।
हमें गर्व है कि हम उसी परमधर्म के पालक अनुयायी हैं, अतः परमधार्मिक हैं।
वैसे तो वर्तमान विश्व में धार्मिक होना प्रतिष्ठा का विषय नहीं रहा है क्योंकि यह समय धर्म की अपेक्षा विज्ञान का माना जा रहा है और लोगों में यह धारणा भर दी गई है कि धार्मिक होना वैज्ञानिक चिन्तना से परे होकर अन्धपरम्परा का निर्वाहक होना है ।
प्रायः ऐसा हो भी रहा है कि धर्म के नाम पर संगठित समूह अपने आध्यात्मिक उन्नयन के स्थान पर गोलबन्दी करते हुये सामाजिक संगठन अथवा भौतिक बल अर्थात् राजनैतिक सत्ता की प्राप्ति का प्रयास कर रहे हैं ।
जब से किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा अथवा उसके नाम पर धर्म के समूह संगठित हुये हैं तब से ही यह समस्या बढी है और धर्म क्रमशः पीछे छूटता गया है और गिरोहबन्दी तेज होती गई है।
हमारा यह मानना है कि धर्म के क्षेत्र में धर्मोपदेष्टा का महत्त्व तो है पर जब हम उस उपदेष्टा को धर्म के शाश्वत मूल्यों के ऊपर रख उसका अन्धानुकरण आरम्भ कर देते हैं तो अनर्थ वहीं से आरम्भ हो जाता है और उसी दिशा में आगे बढते रहने से तो प्रायः कुछ ही दिनों में वह अनर्थ महान् अर्थात् भयंकर हो जाता है।
इसलिये एक सच्चा सनातनी या परमधार्मिक हर उपदेष्टा का आदर तो करता है पर किसी व्यक्ति विशेष से बंधता नहीं है और धर्म के शाश्वत मूल्यों को अपने जीवन में समाहित कर अपना आध्यात्मिक उन्नयन कर लेता है।
इतिहास का अनुशीलन करने पर पता चलता है कि यह अनर्थ परम्परा कुछ हजार वर्षों से चली है। और जब से चली है तब से ही धर्म शब्द का माहात्म्य निरंतर घटता गया है और आज धार्मिक होना आधुनिक समाज में प्रगतिशीलता का बाधक और पिछडेपन का बोधक हो गया है।
इसे ऐसे समझें कि अम्बेडकर के पहले नवबौद्ध नहीं थे ।दस गुरुओं के पहले सिख नहीं थे। मोहम्मद पैगम्बर के पहले मुस्लिम नहीं थे। ईसामसीह के पहले ईसाई नहीं थे। पैगंबर जरथुस्त्र के पहले पारसी नहीं थे। पैगंबर अब्राहम के पहले यहूदी नहीं थे ।ऋषभदेव के पहले जैन नहीं थे। सिद्धार्थ गौतम के पहले बौद्ध नहीं थे। इसी तरह अपने-अपने संस्थापकों के पहले उन-उन का मत नहीं था । पर सत्य सनातन धर्म सदा से था ।
आज धर्म की जो हानि हो रही वह इन्हीं तथाकथित धर्मसंस्थापकों के कारण हो रही है क्योंकि तत्तद्धर्मानुयायीजन अपने-अपने उपदेष्टाओं के पदचिन्हों को ही पकडकर उसे ही धर्म मानकर बाकियों से लडने में अपनी ऊर्जा को जाया कर रहे हैं जिसके कारण धर्म का वास्तविक तत्त्व उनकी पकड से छूट रहा है।
इसलिये हमारा पहला संदेश आप सबके लिये है कि धार्मिक बनना है तो किसी उपदेष्टा में ही उलझकर मत रह जाइये अपितु सत्य शाश्वत धर्म के मर्म को पकडिये और उसे अपने जीवन में उतारिये ताकि आपका यह मानव जीवन धन्य बने।
यह गंभीरता से समझने की बात है कि अब उनका-उनका समूह है और वे उनके-उनके धर्म को अपनाकर अपना आध्यात्मिक उन्नयन करने की अपेक्षा अपनी संख्या के बल से राजनैतिक आकांक्षा से आगे बढ रहे हैं और उनका संवर्धन भी उनके आध्यात्मिक गुरुओं की अपेक्षा उनके राजनैतिक प्रमुख ही कर रहे हैं । इसीलिये आज पूरी दुनियां में यह होड है कि किस तथाकथित धर्म को मानने वाले समूह की कितने देशों में सरकारें हैं और कितने और देशों में अपनी सरकार बनाने की दिशा में वे कितने आगे बढ रहे हैं । हिन्दूराष्ट्र की बात पर भी इसी होड का प्रभाव है। हमारा मानना है कि कोई राष्ट्र हिन्दूराष्ट्र बने इसकी अपेक्षा हर हिन्दू राष्ट्र बने
तो यह बडी सफलता होगी। हमारी पहचान ऐसी हो कि हम जहां हों वहीं हिन्दू राष्ट्र दिखाई देने लगे ।
याद रखिये कि आप कौन हैं? अपनी पहचान को साफ रखिये। जितनी साफ आपकी पहचान होगी उतनी ही सरलता आपके जीवन में होगी। यदि आप उपदेष्टाओं से जुडकर अपनी धार्मिक पहचान सुस्थिर करेंगे तो आपको बाकी उपदेष्टाओं से जुडी पहचान वालों से संघर्ष को भी अपने जीवन में सम्मिलित करना होगा। यह अतिरिक्त भार आपको निश्चित छकायेगा और
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
*🙏🏻 # श्री हरि #🙏🏻*
🌤️ *दिनांक - 30 मार्च 2025*
🌤️ *दिन - रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2082*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन - उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु - वसंत ॠतु*
🌤️ *मास - चैत्र*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - प्रतिपदा दोपहर 12:49 तक तत्पश्चात द्वितीया*
🌤️ *नक्षत्र - रेवती शाम 04:35 तक तत्पश्चात अश्वनी*
🌤️ *योग - इन्द्र शाम 05:54 तक तत्पश्चात वैधृति*
🌤️ *राहुकाल - शाम 05:20 से शाम 06:53 तक*
🌤️ *सूर्योदय - 06:34*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:51*
👉 *दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- राष्ट्रीय चैत्री नूतन वर्ष वि•सं• 2082 प्रारंभ शालिवाहन शक 19:47 प्रारंभ,गुडी पडवा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त),ध्वजारोहण,चैत्री वासंती नवरात्र प्रारंभ चेटीचंड,श्री झूलेलाल जयंती,चंद्र-दर्शन (शाम 06:42 से रात्रि 07:45 तक),पंचक (समाप्त शाम 04:35)*
💥 *विशेष- प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🙏🏻🅰️
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *चैत्र नवरात्रि* 🌷
🌷 *तप की शक्ति का प्रतीक है मां ब्रह्मचारिणी*
🙏🏻 *नवरात्रि की द्वितीया तिथि पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। देवी ब्रह्मचारिणी ब्रह्म शक्ति यानी तप की शक्ति का प्रतीक हैं। इनकी आराधना से भक्त की तप करने की शक्ति बढ़ती है। साथ ही, सभी मनोवांछित कार्य पूर्ण होते हैं।*
🙏🏻 *मां ब्रह्मचारिणी हमें यह संदेश देती है कि जीवन में बिना तपस्या अर्थात कठोर परिश्रम के सफलता प्राप्त करना असंभव है। बिना श्रम के सफलता प्राप्त करना ईश्वर के प्रबंधन के विपरीत है। अत: ब्रह्मशक्ति अर्थात समझने व तप करने की शक्ति हेतु इस दिन शक्ति का स्मरण करें। योगशास्त्र में यह शक्ति स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित होती है। अत: समस्त ध्यान स्वाधिष्ठान चक्र में करने से यह शक्ति बलवान होती है एवं सर्वत्र सिद्धि व विजय प्राप्त होती है।*
🙏🏻 *कष्टों से मुक्ति दिलाती हैं मां चंद्रघंटा*
*नवरात्रि की तृतीया तिथि यानी तीसरा दिन माता चंद्रघंटा को समर्पित है। यह शक्ति माता का शिवदूती स्वरूप हैं । इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। असुरों के साथ युद्ध में देवी चंद्रघंटा ने घंटे की टंकार से असुरों का नाश किया था। नवरात्रि के तृतीय दिन इनका पूजन किया जाता है। इनके पूजन से साधक को मणिपुर चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वत: प्राप्त हो जाती हैं तथा सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।*
🙏🏻🅰️
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *चैत्र नवरात्रि* 🌷
🙏🏻 *नवरात्रि की द्वितीया तिथि यानी दूसरे दिन माता दुर्गा को शक्कर का भोग लगाएं । इससे उम्र लंबी होती है ।*
*तृतीया तिथि यानी की तीसरे दिन को माता दुर्गा को दूध का भोग लगाएं ।इससे दुखों से मुक्ति मिलती है ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🅰️
🌷 *गणगौर तीज* 🌷
🙏🏻 *चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज का उत्सव मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 31 मार्च, सोमवार को है। गणगौर उत्सव में मुख्य रूप से माता पार्वती व भगवान शिव का पूजन किया जाता है।भगवान शंकर-माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए इस दिन कुछ उपाय भी कर सकते हैं। ये उपाय इस प्रकार है-*
👉🏻 *1. देवी भागवत के अनुसार, माता पार्वती का अभिषेक आम अथवा गन्ने के रस से किया जाए तो लक्ष्मी और सरस्वती ऐसे भक्त का घर छोड़कर कभी नहीं जातीं। वहां संपत्ति और विद्या का वास रहता है।*
👉🏻 *2. शिवपुराण के अनुसार, लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने से भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।*
👉🏻 *3. माता पार्वती को घी का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा वह निरोगी होता है।*
👉🏻 *4. माता पार्वती को शक्कर का भोग लगाकर उसका दान करने से भक्त को दीर्घायु प्राप्त होती है। दूध चढ़ाकर दान करने से सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलती है। मालपुआ चढ़ाकर दान करने से सभी प्रकार की समस्याएं अपने आप ही समाप्त हो जाती है।*
👉🏻 *5. भगवान शिव को चमेली के फूल चढ़ाने से वाहन सुख मिलता है। अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।*
👉🏻 *6. भगवान शिव की शमी पत्रों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है। बेला के फूल से पूजन करने पर शुभ लक्षणों से युक्त पत्नी मिलती है। धतूरे के फूल के पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो परिवार का नाम रोशन करता है। लाल डंठल वाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है।*
⚛️🐅⛳नवरात्रि प्रथम शक्ति⛳🐅⚛️
वन्दे वांच्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
चैत्र नवरात्रि की हार्दिक बधाई , माँ शैलपुत्री अपने भक्तों पर कृपा दृष्टि बनाए रखें❣️
🙏👣जय माँ शैलपुत्री 👣🙏
🌞 मंगलमय सुप्रभात🌞
चैत्र नवरात्रि 🌺🙏🏻🚩
*देवपितृकार्य शनि अमावस्या आज*
*******
*हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि बहुत पावन मानी गई है। साल में 12 अमावस्या की तिथियां पड़ती हैं। सबका अपना महत्व है, लेकिन शनि अमावस्या बहुत विशेष ही मानी जाती है। दरअसल जो अमावस्या शनिवार के दिन पड़ती है उसे शनि अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाता है। शनि अमावस्या हर साल में एक या दो बार ही आती है। अमावस्या तिथि के दिन ही भगवान शनि देव का जन्म माना जाता है। शनि देव के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए इस दिन शनिदेव की पूजा की जाती है।*
*कब है शनि अमावस्या?*
======================
*साल की पहली शनि अमावस्या चैत्र माह की अमावस्या है। हिंदू पंचांग के अनुसार 28 मार्च को शाम 7 बजकर 30 मिनट पर अमावस्या की तिथि शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 29 मार्च को शाम के 4 बजकर 30 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि मानी जाती है। ऐसे में 29 मार्च को शनि अमावस्या मनाई जाएगी।*
*शनि अमावस्या का महत्व*
====================
*शनि अमावस्या का दिन शनि देव के प्रकोप को शांत करने और शनि दान के लिए सबसे अच्छा दिन माना गया है। इस दिन शनि देव से संबंधित चीजों का दान करना शुभ माना जाता है। शनि अमावस्या के दिन शनि को प्रसन्न करने के लिए उन पर सरसों के तेल में तिल डालकर चढ़ाना चाहिए। शनि देव से जुड़ी काली चीजों का दान करना चाहिए। इस दिन शनि देव का अभिषेक और उनके मंत्रों का जाप भी करना चाहिए।*
*(((ॐ शान्ति )))*
माता हिंगलाज के अद्भुत अलौकिक दर्शन ❣️🌺🚩
Читать полностью…तिरुपति बालाजी धाम से श्री हरि भगवान विष्णु के प्रातः दिव्य अलौकिक अभिषेक दर्शन।🌺🚩
जय श्री हरि। 🌺🙏🏻
जय जय श्री राम 🚩🌿
जय जय जय बजरंगबली हनुमान 🚩🌿
शुभ प्रभात वंदन मित्रों 🚩🌿🙏
हे शिव मेरे करुणा अपनी मुझ पर भी बरसा,
तन को तीरथ मन को पावन गंगा घाट बना।🚩
ज्ञान तो वही है
किसी ने आत्म तक जाना है
किसी ने परमात्म तक
होय वही जो राम रची राखा।
का करहूं तर्क.....?